उज्जवला से बड़ी स्कीम लाने की तैयारी में सरकार

उज्जवला जिस तरह से केंद्र गवर्नमेंट के लिए 2019 के चुनाव के साथ ही उप्र के विधानसभा चुनाव में सियासी अमोघ शस्त्र बनी थी और इसने बीजेपी को जीत दिलाई थी. उसको ध्यान में रखते हुए केंद्र गवर्नमेंट आने वाले दिनों में उज्जवला से भी अधिक कारगर स्कीम लेकर आने की तैयारी में है. यह लोगों के किचन में गैस और पीएनजी का खर्च लगभग शून्य कर देगी. इसका सबसे अधिक फायदा राष्ट्र की 230—250 ग्रामीण परिवेश वाले लोकसभा क्षेत्रों में होगा.
इस योजना के अनुसार गवर्नमेंट लोगों को ऐसा सौर उर्जा चूल्हा देगी. जो बिना सूर्य में रखे भी चार्ज होता रहेगा. इसे “सूर्य नूतन ” सौर उर्जा चूल्हा नाम दिया गया है. यह छत पर लगे सौर पैनल से एक तार के माध्यम से कनेक्ट होगा. इस चूल्हे पर चार सदस्यों वाले परिवार के लिए तीन समय का खाना बनाया जा सकेगा. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के घर पर इसका परीक्षण किया गया. राष्ट्र की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी भारतीय आयॅल कॉरपोरेशन के फरीदाबाद स्थित अनुसंधान और विकास विभाग ने इसको विकसित किया है.
यह बताया जा रहा है कि इस सौर उर्जा चूल्हा से बीजेपी को उसी तरह का फायदा लोकसभा चुनाव 2024 में हो सकता है. जिस तरह से उज्जवला योजना से 2019 के चुनाव में हुआ था. उज्जवला योजना को पीएम मोदी ने मई 2016 में लांच किया था. इसके अनुसार 50 मिलियन गरीब परिवारों को फ्री एलपीजी कनेक्शन दिया गया है. इसके लिए गवर्नमेंट ने पहले चरण में 800 बिलियन रूपये आवंटित किये थे.
तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए देश—दुनिया से प्रशस्ति—प्रशंसा हासिल हुई थी. उनकी पहल से राष्ट्र की करोड़ों स्त्रियों को लकड़ी या अन्य धुंआ उत्पन्न करने वाले ईधन से मुक्ति मिली थी. पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने बोला कि सूर्य नूतन योजना उज्जवला का अगला कदम है. उज्जवला योजना में जहां हर बार सिलिंडेर रिफिल कराना होता है. वहीं सूर्य नूतन में इसकी आवश्यकता नहीं है. एक बार इसे खरीदने पर ही खर्च आएगा. उसके बाद यह बिना देखरेख के अगले दस वर्ष तक चलेगा.
यह बोला जा सकता है कि एक बार खर्च करने के बाद दस वर्ष तक फ्री में खाना बनाया जा सकेगा. जिससे ग्रामीण उपभोक्ता के साथ ही शहरी उपभोक्ता भी इससे लाभांवित होंगे. पहले चरण में लददाख, महाराष्ट्र के अधिक गर्मी वाले इलाके, राजस्थान और राष्ट्र के ऐसे क्षेत्र जहां सूर्य की रोशनी अधिक समय रहती है.वहां पर इसको मौजूद कराया जा सकेगा.
इस अधिकारी ने बोला कि रसोई गैस महंगी होती जा रही है. प्रति सिलेंडर हजार रूपये तक हो गया है. इस वजह से विपक्षी दल उज्जवला स्कीम में रिफिल को लेकर कई बार आंकड़े देते हैं और यह कहते हैं कि इस योजना के सिलेंडर रिफिल होना बंद हो गए हैं. जबकि सूर्य नूतन में चूल्हा पैनल में सोलर उर्जा स्टोर कर लेता है. जिससे रात में भी इस पर खाना बनाया जा सकता है.
यह चूल्हा तार से छत पर रखे पैनल से जुड़ा होता है. जिससे इसे छत पर ले जाकर चार्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है. इस पर एक चार सदस्यीय परिवार के लिए तीन समय का खाना बनाया जा सकता है. यह उर्जा खपत को कम करने के साथ ही रसोई में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाला होगा. इस समय इसे राष्ट्र में 60 स्थानों पर परीक्षण के लिए लगाया गया है. सभी स्थान परिणाम लाभप्रद है. प्रारंभिक स्तर पर इसकी मूल्य 18—30 हजार के बीच होगी. लेकिन उत्पादन बढ़ने पर इसकी मूल्य कम होगी. इसके अतिरिक्त गवर्नमेंट इस पर सब्सिडी भी देगी.
जिससे इसकी मूल्य 10—12 हजार तक आ जाएगी. पेट्रोलिमय मंत्री हरीदप पुरी ने बोला कि प्राइवेट सेक्टर भी इसके उत्पादन में रूचि दिखाएगा. जिससे मूल्य काफी कम होगी. पेट्रोलियम मंत्रालय का मानना है कि इसके सफल होने पर गैस खपत कम होगी. गवर्नमेंट को एलपीजी पर सब्सिडी से राहत मिलेगी. जिससे हजारों करोड़ रूपये की बचत भी होगी. साथ ही कंज़्यूमरों को सिलेंडर डिलीवरी या गैस सप्लाई पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.