यूपी में 7500 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे थे , सर्वे में हुआ खुलासा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्म पाल सिंह ने आज रविवार (30 अक्टूबर) को बताया है कि राज्य गवर्नमेंट द्वारा हाल ही में किए गए सर्वे से पता चला है कि सूबे में 7500 से अधिक मदरसे बगैर मान्यता के चल रहे थे. गवर्नमेंट द्वारा तय की गई शर्तों को पूरा करने वाले गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता प्रदान करने के लिए यह सर्वेक्षण किया जा रहा है. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि जितने भी मदरसे गैर-मान्यता प्राप्त पाए गए हैं, उनको लेकर अब एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति फैसला लेगी.
उल्लेखनीय है कि सभी जिलाधिकारी आनें वाले 15 नवंबर तक मदरसों के सर्वे को लेकर अपनी रिपोर्ट जमा करेंगे. इसके बाद ही गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की आखिरी फेहरिस्त जारी की जाएगी. इस मुद्दे में, यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के प्रमुख इफ्तिखार अहमद जावेद ने बोला है कि गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों को लेकर परफेक्ट आंकड़ा सामने आने में अभी वक़्त लगेगा. हालाँकि, अनुमान के अनुसार करीब 7500 ऐसे मदरसे हैं, जिनका सर्वे गुरुवार (27 अक्टूबर) तक 75 जिलों की टीमों द्वारा किया गया था.
इफ्तिखार ने आगे बोला कि, ‘यूपी में 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें से 560 को शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को वेतन के तौर पर सरकारी आर्थिक सहायता प्रदान किया जा रहा था. 560 मदरसों के शिक्षण कर्मचारियों का वेतनमान केंद्र गवर्नमेंट के विद्यालयों के समान है.’ बता दें कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अनुसार 744 मदरसों को शिक्षा मित्र के लिए आर्थिक सहायता दिया जाता है. साथ ही सभी मान्यता प्राप्त मदरसों के मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भी दी जाती है.